Emotion of love |
रात, कुछ लहराकर मखमली आँचल
झिर-मिर धुली चांदनी बरसाती रही,,
रह-रह के चलती यादों की मंद बयार
मन-सरिता को मंथर सरसराती रही|
नम हुईं आँखें,जो यादों की बरखा से
मन-आँगन बरबस छलकाती रहीं,
दूर कहीं परबत की हसीन तराई में
कोई बांसुरी फ़िज़ा को गुंजाती रही|
तेरी यादों से फली वो शाख प्रीत की
रात भर लहराती रही, इठलाती रही,
बरसती ही रही यादें यूँ टूट-टूट कर
मोतियों की माला ज्यूँ बिखराती रही|
____हिमांशु
Barasti hi rahi Yaadein |