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A very Beautiful Morning |
कोहरे की चादर में लिपटी
बला की खूबसूरत सुबहा
आ रही पर्बत-पगडण्डी से |
सर्द हवा संग करती रक्स
करती किल्लोल फूलों संग
छा रही चहुँ ओर घाटी में |
सत्यम शिवम् सुन्दरम
निखरा अनोखा रूप लिए
जा रही धरा के आँचल में |
हर शै में शबनमी मोती उकेर
सरे राह अनूठे अक्स बिखेर
जा रही दिवा के दामन में |
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Ice in the morning |
चमन में हँसे फूल सुथरे-सुथरे
तेरा अक्स लिए निखरे-निखरे
खिले कमल मन-सरवर में |
नरगिस का साथ निभाने को
बेला फूला, चंपा फूली,,,,
आ रही महक घर-आंगन में |
___ - हिमांशु