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ये आँसू भी अजब हैं

















ये आँसू भी अजब हैं
उनके आने पे भी उमड़ते हैं
और ना आने पे तो
समंदर बन जाते हैं |

दर्द में तो छलकते हैं
नश्तर बनकर
ख़ुशी में बरसते हैं
महासागर बनकर |

___हिमांशु

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