कुछ अहसास
ज़रा नाज़ुक
औ' संवेदनशील
लेकिन
बड़े सुखद,
शीतल औ'
आनंददायी,
होते हैं,,,
उन्हें
खो देने का डर,
उनके दूर
चले जाने
का भय
मन को
सताता है
क्यूँकि वे
ज़िंदगी का
सरमाया
बन जाते हैं,,,
उन्हें
मन का
दरीचा बना,
सहेजते हुए
ज़िंदगी का
टेढ़ा-मेढ़ा सफ़र
बेहद पुरसुकून
हो जाता है,,,
ऐ मेरे मौला!
ये नायाब
अहसास रुपी
मोती
ज़िंदगी के
दामन में
अपने
सभी बन्दों को
अता कर,,,आमीन!
_____हिमांशु