पीत वर्ण है प्रीत का
दूर तलक सरसों के खेत में
बिखरा पराग ज्यों नेह का,,,
नैनों को सुकून देने वाला
आँचल धानी लहराए हर सू
सुंदरी माँ प्रकृति का,,,,
गुलाबी आँखों में
झिलमिलायें सतरंगी,
मखमली ख्वाब महबूब के,,,
लाल जोड़े में लजाए
अंसुवन नीर बहाए
चली दुल्हन नगर पिय के,,,
सागर, अम्बर, नदी, सरोवर
नीलकमल औ' कृष्ण मनोहर
नील वर्ण की शोभा अनुपम,,,,
केसरी रंग गुने शहादत
केसर क्यारी फूले मंजुल
केसरिया बालम चिर प्रतीक्षित,,,
श्वेत हिम से सदा सुसज्जित
भारत माँ की आन-बान-शान
हिमगिरी का किरीट मनोरम,,,
सभी रंगों से सजी ज़िन्दगी
कभी चटख औ' कभी सुकोमल
रंगों की है बारात ज़िन्दगी,,,
______हिमांशु
आँचल धानी लहराए हर सू
सुंदरी माँ प्रकृति का,,,,
गुलाबी आँखों में
झिलमिलायें सतरंगी,
मखमली ख्वाब महबूब के,,,
लाल जोड़े में लजाए
अंसुवन नीर बहाए
चली दुल्हन नगर पिय के,,,
सागर, अम्बर, नदी, सरोवर
नीलकमल औ' कृष्ण मनोहर
नील वर्ण की शोभा अनुपम,,,,
केसरी रंग गुने शहादत
केसर क्यारी फूले मंजुल
केसरिया बालम चिर प्रतीक्षित,,,
श्वेत हिम से सदा सुसज्जित
भारत माँ की आन-बान-शान
हिमगिरी का किरीट मनोरम,,,
सभी रंगों से सजी ज़िन्दगी
कभी चटख औ' कभी सुकोमल
रंगों की है बारात ज़िन्दगी,,,
______हिमांशु
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