-->

ये है सफ़र ज़िन्दगी का,,,,

ये है सफ़र ज़िन्दगी का
गुज़र ही जाएगा,
कल आसमां में
जो रोया था बादल
कल फिर
वही मुस्कुराएगा |

चिलचिलाती धूप में
जो खो गया था साया,
सब्र कर,
सूरज ज़रा ढलने दे,
फिर से मिल जाएगा |
कभी ऐसी भी चली है हवा
उड़ा ले गयी सब कुछ,
एक वो दौर भी है आने वाला
जो चमन की खुशबुएँ
समेट ले आएगा |
ज़िन्दगी के पेंचो ख़म में
खो गये थे जो रास्ते,
मंजिलों को वे
बस यूँ
मिल ही जाएंगे |
इन्द्रधनुष-सी सतरंगी
औ'
मोतियों सी खूबसूरत
ख्वाहिशों को
अचानक पुरनूर साहिल
मिल ही जाएंगे |
____हिमांशु

Nemo enim ipsam voluptatem quia voluptas sit aspernatur aut odit aut fugit, sed quia consequuntur magni dolores eos qui ratione voluptatem sequi nesciunt.

Disqus Comments